खुल गया खुल गया खुल गया,मंदिर खाटू धाम काबाबा के दर जाएंगे,कुछ दिल की बतलायेंगे -2ये सोच के झूमे नांचे,हर दीवाना श्याम काखुल गया, खुल गया, खुल गया,मंदिर खाटू धाम का। जबसे रूठा है श्याम मेरा,बनता ही नहीं कोई काम मेरा,मंदिर के पट बंद कर डाले,कैसे पहुंचे पैग़ाम मेरा,क्या क्या दिल में नहीं आया,कैसे ये वक़्त बिताया,श्याम के दर्शन बिन,ये …
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