कैसे तुम बिन जीए जारही है…2 तेरे मिलने की उमिद लेकर गाम के आसू पीए जराही है… ||आप|| यह जुदाई सहेगी श्याम काब तक …2 बिन दर्शन रहेगी श्याम काब तक…2 दुनिया से होगआय है बेगाने… तेरा नाम लिए जारही है..2… ||आप|| श्याम सुंदर कहा कोगआई हो..2 ओह..एटानी बेदर्ध क्यो होगआई हो..2 आप की बेवफही की . के, लूग थाने …
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बॅया के बिहारी कृष्णा मुरारी
मेरी भारी खाहा छुपी दर्शन डीजो शरण मे लीजो हम बलि हरी कहा छुपीए आनकामी चोली हमे ना भावे ..2 जाग माया के चाल बिजाये रास रचाकर भांसी भाजकर..2 ढेनु चरकार प्रीत जगाकर ..2 नटवर नगर नतूर चलिया…2 लीला न्यारी खाहा छुपीए सर्वा व्यापक तुम अविनाशी..2 जल कल गगन रवि घाट वासी..2 योगा सुनकर रात को चलकर..2 कहा कोगआई हुमको …
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