दोहा: अपने हरि को हम दूंढ लीओ, जिन लाल अमोलक लाख मे | हरि के अंग अंग मे नरमी है जितनी, नरमी नाही वैसी माखन मे || छवि देखत ही मै तो झाकी रही, मेरो चित चुरा लीओ झांकन मे | हियरा में बसो, जियरा में बसो, प्यारी-प्यारे बसो दऊ आखन में || लाडली-लाल बसो, श्यामा-श्याम बसो दऊ आंखन में …
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मुझे श्याम सनडर की दुल्हन बना दो
ऐसे वार को क्या बारू जो जन्मे और मार जाए बारिय गिरिधर लाल को च्छू लो अमर हो जाओ ऐसे वार को क्या बारू जो जन्मे और मार जाए बारिय गिरिधर लाल को च्छू लो अमर हो जाओ आओ मेरी शाखियो मुझे मेहंदी लगा दो मेहंदी लगा दो मुझे सुंदर सज़ा दो मुझे श्याम सनडर की दुल्हन बना दो (जे2) …
Read More »नाम जपन क्यों छोड़ दिया
नाम जपन क्यों छोड़ दिया क्रोध न छोड़ा झूठ न छोड़ा सत्य बचन क्यों छोड दिया झूठे जग में दिल ललचा कर असल वतन क्यों छोड दिया कौड़ी को तो खूब सम्भाला लाल रतन क्यों छोड दिया जिन सुमिरन से अति सुख पावे तिन सुमिरन क्यों छोड़ दिया खालस इक भगवान भरोसे तन मन धन क्यों ना छोड़ दिया नाम …
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