देखा लखन का हाल तो श्री राम रो पड़े ।अंगत सुग्रीव जामवंत बलवान रो पड़े ॥ लंका विजय की अब मुझे, चाहत नहीं रही ।मुझमें धनुष उठाने की, ताकत नही रही ।रघुवर के साथ धरती, आसमान रो पड़े ॥ करने लगे विलाप, श्री राम फुटकर ।क्या मै जवाब दूँगा, अयोध्या में लौटकर ।जितने थे मन में राम के, अरमान रो …
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