एक बार गुरु गोविंद साहब के कुछ शिष्य उनके पास उनके पास आए और उनसे उलाहना के स्वर में बोले, ‘गुरू जी! आपके कहने पर हम हर रोज जप करते हैं, लेकिन इससे हमें कोई लाभ नहीं होता है। इसका क्या कारण है?’ गुरु जी युवा शिष्यों की बात सुन कर कुछ कहा नहीं, ‘सिर्फ मुस्कुराए।’ कुछ देर बाद उन्होंने …
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आत्मा और परमात्मा का दुर्लभ मिलन
मिथिला के राजा निमि के बीमार हो गए। उनका पूरा शरीर गर्म होने लगा। राज वैद्यों ने सोच-समझकर कहा कि, महराज के शरीर पर चंदन का लेप किया जाए। तब रानियां अपने हाथों से चंदन घिसने लगीं। चंदन घिसते समय हाथों में पहनी हुई चुड़ियों के टकराने से खन-खन की आवाज होने लगी। वह खन-खनखनाहट की आवाज राजा निमि को …
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