एक बार भगवान बुद्ध एक धनी व्यक्ति के घर भिक्षा मांगने गए। धनी व्यक्ति ने कहा, ‘आप भीख क्यों मांगते हैं? भगवन् मुस्कुराए और कहा, ‘खेती ही करता हूं, दिन रात करता हूं और अनाज पैदा करता हूं।’ उस धनी व्यक्ति ने पूछा, ‘यदि तुम खेती करते हो, तो तुम्हारे पास बैल कहां है, अन्न कहां है ?’ भगवान बुद्ध …
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संतोषी व्यक्ति सदा सुखदायी
भगवान बुद्ध पाटलिपुत्र में प्रवचन कर रहे थे। लोग मंत्रमुग्ध थे। प्रवचन के बाद बुद्ध आंखे बंद किए बैठे थे। स्वामी आनंद ने जिज्ञासा व्यक्त की, तथागत, आपके सामने बैठे लोगों में सबसे सुखी कौन है? तथागत बोले कि सबसे पीछे जो सीधा-साधा या कहें फटेहाल सा ग्रामीण आंखें बंद किए बैठा है, वह सबसे ज्यादा सुखी है। यह सुनकर …
Read More »निरर्थक चर्चा में खर्च न करें समय
भगवान बुद्ध, अनमोल समय के सदुपयोग के पक्षधर थे। निकम्मी बातों में समय गंवाने का सदा विरोध किया करते थे। कोई आदमी उनके पास आया और बोला, भगवन् आप बार-बार दुख और विमुक्ति पर ही बोलते हैं। कृप्या यह तो बताइए यह दुख होता किसको है? और दुखों से विमुक्ति होती किसको है? प्रश्न करने वाले का प्रश्न निरर्थक था। …
Read More »जब गौतम बुद्ध ने बताया, कौन है सबसे सुखी
एक बार भगवान बुद्ध पाटलिपुत्र में प्रवचन कर रहे थे। लोग मंत्रमुग्ध थे। प्रवचन के पहले बुद्ध ध्यानवस्था में बैठे हुए थे। तभी स्वामी आनंद ने जिज्ञासा पूर्वक पूछा, ‘तथागत आपके सामने बैठे लोगों में सबसे ज्यादा सुखी कौन?’ तथागत बोले, सबसे पीछे जो सीधा-साधा सा फटेहाल ग्रामीण आंखे बंद किए बैठा है, वह सबसे ज्यादा सुखी है। यह सुनकर …
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