हे नाथ ! यह दास स्वभाव से ही सत्य कह रहा है कि गुरु, माता, पिता तथा संसार में किसी को भी यह नहीं जानता । जहां तक प्रीति का, विश्वास का अथवा सांसारिक स्नेह के संबंध (नाते) का कोई आश्रय है, मेरे वह सब कुछ आप ही हैं । हे दीनबंधु ! हे उर – अंतर्यामी – साक्षात् परब्रह्म …
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माता, पिता एवं गुरु की महिमा
श्रीसूत जी बोले – द्विजश्रेष्ठ ! चारों वर्णों के लिए पिता ही सबसे बड़ा अपना सहायक है । पिता के समान अन्य कोई अपना बंधु नहीं है, ऐसा वेदों का कथन है । माता – पिता और गुरु – ये तीनों पथप्रदर्शक हैं, पर इनमें माता ही सर्वोपरि है । भाइयों में जो क्रमश: बड़े हैं, वे क्रम – क्रम …
Read More »भारत माता मंदिर, वाराणसी
यह अपने ढंग का अनोखा मंन्दिर है. यह मंदिर केवल ‘भारत माता’ को समर्पित है. भारत माता मंदिर का निर्माण बाबू शिवप्रसाद गुप्त द्वारा करवाया गया था, जबकि इसका उद्घाटन वर्ष 1936 में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी द्वारा हुआ था. मंदिर में किसी देवी-देवता की मूर्ति स्थापित नहीं है. केवल भारत का भू मानचित्र है, जो संगमरमर के टुकड़ो पर उकेरा …
Read More »मां ज्वाला जी, हिमाचल प्रदेश
ज्वाला रूप में माता, ज्वालादेवी मंदिर में सदियों से बिना तेल बाती के प्राकृतिक रूप से नौ ज्वालाएं कई दशकों से जल रही हैं. कहा जाता है कि ये पावन जोतियां भक्तों की मनोकमनाएं पूरी करती है. wish4me in English jvaala roop mein maata, jvaalaadevee mandir mein sadiyon se bina tel baatee ke praakrtik roop se nau jvaalaen kaee dashakon …
Read More »मातृ- पितृ भक्त श्रवणकुमार
श्रवणकुमार जाति से वैश्य थे। इनके माता-पिता दोनों अन्धे हो गये थे। बड़ी सावधानी और श्रद्धा से ये उनकीसेवा करते थे और उनकी प्रत्येक इच्छा पूरी करने का प्रयत्न करते थे। इनके माता-पिता की इच्छा तीर्थयात्रा करने की हुई। उन्होंने एक कांवर बनायी और उसमें दोनों को बैठाकर कंधे पर उठाये हुए ये यात्रा करने लगे। ब्रह्माण के लिये तो …
Read More »गिलहरी का रामसेतु बनाने में योगदान
माता सीता को वापस लाने के लिए रामसेतु बनाने का कार्य चल रहा था। भगवान राम को काफी देर तक एक ही दिशा में निहारते हुए देख लक्ष्मण जी ने पूछा भैया आप इतनी देर से क्या देख रहें हैं? भगवान राम ने इशारा करते हुए दिखाया कि वो देखो लक्ष्मण एक गिलहरी बार-बार समुद्र के किनारे जाती है और …
Read More »आखिर क्यों दिया था माता पार्वती ने भगवान शिव, विष्णु, नारद, कार्तिकेय और रावण को श्राप!!
एक बार भगवान शंकर ने माता पार्वती के साथ जुआ खेलने की अभिलाषा प्रकट की। खेल में भगवान शंकर अपना सब कुछ हार गए। हारने के बाद भोलेनाथ अपनी लीला को रचते हुए पत्तों के वस्त्र पहनकर गंगा के तट पर चले गए। कार्तिकेय जी को जब सारी बात पता चली, तो वह माता पार्वती से समस्त वस्तुएँ वापस लेने …
Read More »कालीय नाग यमुना जी में क्यों रहता था?
एक बार पक्षियों की माता विनता और सर्पों की माता कद्रू ने शर्त लगाई। विनता ने कहा कि सूर्य के रथ के घोड़े सफेद हैं और कद्रू ने कहा कि सूर्य के रथ के घोड़े काले हैं। दोनों ने सहमति की कि जो भी जीतेगी, दूसरी उसकी दासी बनकर सेवा करेगी। इस शर्त के कारण कद्रू के पुत्र सूर्य के …
Read More »सांई बाबा मंदिर, शिरडी
सांई बाबा एक भारतीय गुरु, योगी और फकीर थे, उन्हें उनके भक्तों द्वारा संत कहा जाता है। उनके असली नाम, जन्म, पता और माता पिता के सन्दर्भ में कोई सूचना उपलब्ध नहीं है। सांई शब्द उन्हें भारत के पश्चिमी भाग में स्थित प्रांत महाराष्ट्र के शिर्डी नामक कस्बे में पहुंचने के बाद मिला। शिर्डी सांई बाबा मंदिर भी यहीं बना …
Read More »Mata vaishno devi jagaran
माता वैष्णो देवी की अमर कथा (Mata Vaishno Devi Hindi Story) Mata Vaishno devi story in Hindi : वैष्णो देवी उत्तरी भारत के सबसे पूजनीय और पवित्र स्थलों में से एक है। यह मंदिर पहाड़ पर स्थित होने के कारण अपनी भव्यता व सुंदरता के कारण भी प्रसिद्ध है। वैष्णो देवी भी ऐसे ही स्थानों में एक है जिसे माता का …
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