राधा संग जो यमुना तट पे रास रचाता है,ग्वाल बाल संग चोरी चोरी माखन खाता है,जिसका मुखड़ा चाँद का टुकड़ा छवि बेजोर कन्हियाँ की,मैं तो हुई दीवानी सुन लो जी चित चोर कन्हियाँ की…… तेरी बांकी टेडी चितवन कान्हा हम पे जादू डाल गई,जब से देखा तुम को छलिये दिल ये अपना हार गई,मैं यहा भी देखू दिखे छवि हर …
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