मैं बरसने की राधा तुझे समजाऊ सेमत फोड़ दही की मटकी तोहे सजा करा दू से मैं वृन्दावन का ग्वाला तुझको बतलाऊ सेमुरली की धुन पर मैं सब को नाच नचाऊ से, मत इतरावे कान्हा इतना अकड़ धरी रह जावे सेमैं गोरी तू काला कान्हा श्यामा सखियाँ हसी उडावे सेमेरे कान्हा तो को धमकी साच बता दू से,मत फोड़ दही …
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