मैं केवल तुम्हारे लिए गा रही हुशिगिद पार की नील झंकार बन करमैं सतरंग सरगम लिए आ रही हुमैं केवल तुम्हारे लिए गा रही हु सुनो मीत मेरे के मैं गीत गालातुम्हारे लिए हु मैं स्वर का उजालामैं लोह बन के जल जल जिए जा रही हुमैं केवल तुम्हारे लिए गा रही हु मैं उषा के मन की मधुर साध …
Read More »