मैं बरसाने की छोरी तू है गोकुल का ग्वालारास रचाये वृन्दावन में बुला रहे ब्रजबालाआजा नन्द के लाला, आजा नन्द के लाला तू बरसाने की छोरी मैं हूँ गोकुल का कान्हाभरके मटकी माखन की तुम अपने घर से लानातभी आएंगे कान्हा, तभी आएंगे कान्हा हम तो हो गए तोरी दीवानी तूने मोरी कदर ना जानीतुमरे बिन दिल लगता ना तू …
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