कान्हा कौन तुझे सम्जाये तुझको लाज शर्म न आयेचोरी करके माखन खाए काहे हम को रोज सताएमेरी पकड़ी कल्हाई कान्हा क्यों झटकेमारे कंकरिया काहे को फोड़ी मटकी………. माखन तो है एक बहाना क्यों तुम करते जोर जोरी,तेरे हाथ नही आऊगी मैं हु बरसाने की छोरीबोलो जरा बोलो जरा जुबा क्यों अटकीमारे कंकरिया काहे को फोड़ी मटकी………. घर में लाखो गैया …
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