महात्मा पुरुषों की कोई सीमा नहीं होती, जो साधारण महात्मा होते हैं, उनके गुण, प्रभाव, रहस्य कोई नहीं बता सकता और जो भगवान् के भेजे हुए महापुरुष होते हैं उनकी तो बात ही क्या है, वे तो भगवान् के समान होते हैं। यह कह दें तो भी कोई आपत्ति नहीं। भगवान् के दर्शन, भाषण से जो लाभ मिलता है उनके …
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