ऐसी वार को क्या वारू, जो जन्मे और मार जाए वरिय गिरिधर लाल को, चुदलियो अमर हो जाए आओ मेरी सखियों, मुझे मेहंदी लगा दो मेहंदी लगा दो मुझे, सुंदर सज़ा दो मुझे श्याम सुंदर की, दुल्हन बनाध्ो सत्संग मे मेरी भाट चलाई सतगुरु ने मेरी किन्हीरे सगाई उनको बुलके हतलेवा तो कर्वदा || मुझे श्याम|| ऐसी पहनो छुरी …
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खुद तो बाहर ही खड़े रहे
खुद तो बाहर ही खड़े रहे, भीतर भेजा पांचाली को; यतिवर बाबा के चरणों में, जाकर अपना मस्तक रख दो । अर्धरात्रि की बेला में, भीषम की लगी समाधी थी; मन प्रभु चरणों में लगा हुआ, उस जगह न कोई व्याधा थी । कृष्णा ने जाकर सिर रक्खा, चरणों पर भीष्म पितामह के; चरणों पर कौन झुका, देखूँ, बाबा भीषम …
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खुद तो बाहर ही खड़े रहे, भीतर भेजा पांचाली को; यतिवर बाबा के चरणों में, जाकर अपना मस्तक रख दो । अर्धरात्रि की बेला में, भीषम की लगी समाधी थी; मन प्रभु चरणों में लगा हुआ, उस जगह न कोई व्याधा थी । कृष्णा ने जाकर सिर रक्खा, चरणों पर भीष्म पितामह के; चरणों पर कौन झुका, देखूँ, बाबा भीषम …
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