शम्भू मेरे, शंकर मेरे, कब होंगे दर्शन तेरे | अखियन मे आस लेके, दर्शन की प्यास लेके, आयीं हूँ मै द्वार तेरे || धूनी रमाये, समाधी लगाये गंगा किनारे बैठा है तू | भंग चड़ाए भसम लगाये मरघट पे लेता है तू | हो के मगन मै गाऊं गुण तेरे || तेरे चरण मे, तेरी शरण मे, आये है हम …
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