हरि तुम हरो जन की भीर, द्रोपदी की लाज राखी, तुम बढ़ायो चीर॥ भगत कारण रूप नरहरि धर्यो आप सरीर ॥ हिरण्यकश्यप मारि लीन्हो धर्यो नाहिन धीर॥ बूड़तो गजराज राख्यो कियौ बाहर नीर॥ दासी मीरा लाल गिरधर चरणकंवल सीर॥ मीरा बाई पद का हिंदी अनुवाद : परम श्री कृष्ण भक्त मीरा बाई इश्वर से विनती करती हैं की हे इश्वर …
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