असुर निकंदन भय भंजन कुछ आन करो, पवन तनय संकट मोचन कल्याण करो । भीड़ पड़ी अब भारी हे बजरंगबली, भक्तो के दुःख दूर मेरे हनुमान करो ॥ गयारवे हो रूध्र तुम हो, ले के अवतारी, ज्ञानियो में आप ग्यानी योधा बलशाली । बाल अवस्था में चंचल आप का था मन, सूर्य को तुम खा गए नटखट बड़ा बचपन । …
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