तेनाली रामलिंगाचार्युल का जन्म १६ वीं सदी के प्रारंभ में थुमलुरु गाँव में एक तेलगी भट्ट ब्राह्मण परिवार में हुआ था. हालांकि एक लोकप्रिय धारणानुसार उनका जन्म तेनाली नामक गाँव में हुआ था. तेनाली राम का जन्म नाम ‘रामाकृष्णा शर्मा’ था. उनके पिता गरालपति रामैया गाँव के मंदिर में पुजारी थे. बाल्यकाल में ही पिता का साया तेनाली राम के …
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तेनाली रामा की कहानियां: अद्भुत कपड़ा!!
एक समय की बात है। राजा कृष्णदेव राय विजयनगर में दरबार लगाकर बैठे थे। उसी समय दरबार में एक सुंदर महिला एक बक्सा लेकर आई। उस बक्से में एक मखमली साड़ी थी, जिसे निकालकर वह दरबार में राजा और सभी दरबारियों को दिखाने लगी। साड़ी इतनी सुंदर थी कि जो भी उसे देखता वह हैरान रह जाता। महिला ने राजा …
Read More »तेनाली रामा की कहानियां: मनहूस कौन!!
राजा कृष्णदेव राय के राज्य में चेलाराम नाम का एक व्यक्ति रहता था। वह राज्य में इस बात से प्रसिद्ध था कि अगर कोई सुबह-सवेरे उसका चेहरा सबसे पहले देख ले तो उसे दिनभर खाने को कुछ नहीं मिलता। लोग उसे मनहूस कहकर पुकारते थे। बेचारा चेलाराम इस बात से दुखी तो होता, लेकिन फिर भी अपने काम में लगा …
Read More »तेनाली रामा की कहानियां: तेनालीराम का न्याय!!
सालों पहले कृष्णदेव राय दक्षिण भारत के जाने-माने विजयनगर राज्य में राज किया करते थे। उनके साम्राज्य में हर कोई खुश था। अक्सर सम्राट कृष्णदेव अपनी प्रजा के हित में फैसले लेने के लिए बुद्धिमान तेनालीराम की राय लिया करते थे। तेनालीराम का दिमाग इतना तेज था कि वो हर मुसीबत का पलभर में समाधान निकाल लेते थे। एक दिन …
Read More »तेनाली रामा की कहानियां: कौवों की गिनती!!
तेनालीराम की बुद्धिमता और हाजिर जवाबी से महाराज कृष्णदेव अच्छी तरह से परिचित थे। इसलिए, महाराज कई बार तेनालीराम से ऐसे सवाल पूछ लेते थे, जिसका जवाब देना मुश्किल होता था। कोई और होता तो महाराज के सवाल सुनकर अपना सिर पकड़ लेता, लेकिन तेनालीराम के पास तो जैसे हर मर्ज की दवा थी और हार मानना तो जैसे उन्होंने …
Read More »तेनाली रामा की कहानियां: होली उत्सव और महामूर्ख की उपाधि!!
विजयनगर की होली आसपास के कई गांवों में काफी मशहूर थी। इस पर्व को यहां बड़ी धूमधाम के साथ मनाया जाता था। खुद महाराज कृष्णदेव राय भी इस मौके पर होने वाले आयोजनों में बढ़-चढ़कर भाग लेते थे। इस दिन किसी एक निवासी को महामूर्ख की उपाधि से नवाजा जाता था। साथ ही दस हजार सोने की मुद्राएं भी भेंट …
Read More »नक़ल उतारने वाला नाई !!
दक्षिण भारत के एक नगर में मणिभद्र नामक एक दानवीर व्यापारी रहता था. धार्मिंक कार्यों और जनसेवा के लिए वह बहुत सा धन दान में दिया करता था. अत्यधिक दान-पुण्य के कारण उसका धन समाप्त होता गया और वह निर्धन हो गया. निर्धन होते ही लोग उसका तिरस्कार करने लगे. लोगों के ऐसे व्यवहार से वह व्यथिक हो गया …
Read More »मकड़ी, चींटी और जाला !!
एक मकड़ी अपना जाला बनाने उपयुक्त स्थान की तलाश में थी वह चाहती थी कि उसका जाला ऐसे स्थान पर हो, जहाँ ढेर सारे कीड़े-मकोड़े और मक्खियाँ आकर फंसे. इस तरह वह मज़े से खाते-पीते और आराम करते अपना जीवन बिताना चाहती थी. उसे एक घर के कमरे का कोना पसंद आ गया और वह वहाँ जाला बनाने की तैयारी …
Read More »अपनी क्षमता पहचानो !!
: एक गाँव में एक आलसी आदमी रहता था. वह कुछ काम-धाम नहीं करता था. बस दिन भर निठल्ला बैठकर सोचता रहता था कि किसी तरह कुछ खाने को मिल जाये. एक दिन वह यूं ही घूमते-घूमते आम के एक बाग़ में पहुँच गया. वहाँ रसीले आमों से लदे कई पेड़ थे. रसीले आम देख उसके मुँह में पानी आ …
Read More »कैसे हुआ नारियल का जन्म !!
हिन्दू धर्म में नारियल का विशेष महत्व है. पूजा-अनुष्ठान और हर शुभ और मंगल कार्य के आरंभ में नारियल फोड़ा जाता है. यह क्रिया वर्षों से चली आ रही हैं. नारियल के जन्म की कहानी प्रतापी राजा सत्यव्रत से जुड़ी हुई है. ईश्वर पर अटूट विश्वास रखने वाले राजा सत्यव्रत को स्वर्गलोक का अलौकिक सौंदर्य सदा आकर्षित करता था. वर्षों …
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