एक मूर्तिकार था। उसने अपने बेटे को भी मूर्तिकला सिखाई। दोनों बाप-बेटे मूर्तियां बनाते और बाजार में बेंचने ले जाते। बाप की मूर्तियां तो डेढ़-दो रुपये में बिकती। लेकिन लड़के की मूर्तियां केवल आठ-दस आने में ही बिक पातीं। घर आकर बाप लड़के को मूर्तियों में कमी बताता और उन्हें ठीक करने को कहता। लड़का भी समझदार था। वह मन …
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संघर्ष का फल !!
लंदन में एक लड़का रहता था। वह बहुत गरीब था। इसलिए पेट पालने के लिए उसे निरन्तर काम करना पड़ता था। उसे पढ़ने लिखने का बहुत शौक था। लेकिन काम के बोझ के कारण वह लगातार स्कूल नहीं जा पाता था। जिसके कारण उसकी पढ़ाई रुक रुक के चलती थी। लंदन के एक निम्न बस्ती में एक छोटे से कमरे …
Read More »लालची ब्राम्हण !!
लालची ब्राम्हण एक जंगल में एक बूढ़ा शेर रहता था। बूढ़ा हो जाने के कारण उसके शरीर में पहले जैसी फुर्ती नही रह गयी थी। जिसके कारण वह जंगली पशुओं का शिकार नहीं कर पाता था। जिससे उसका जीवन बहुत कष्टप्रद हो गया था। एक दिन शिकार की खोज में घूमते हुए उसे एक सोने का कंगन मिला। कंगन देखकर …
Read More »मूर्तिप्रेम!!
एक राजा था। उसको मूर्तियों का बहुत शौक था। उसके राजमहल में बेहतरीन कारीगरों की बनाई बहुत सारी मूर्तिया थीं। लेकिन उनमें से तीन मूर्तियां राजा को बहुत प्रिय थीं। क्योंकि वे मूर्तिकला की उत्कृष्टतम कृतियाँ थीं। मूर्तियों की देखभाल के लिए उसने एक सेवक को रखा था। एक दिन मूर्तियों की सफाई करते समय उन तीन मूर्तियों में से …
Read More »हिम्मत का बल!!
यह उन दिनों की बात है जब पंजाब पर सिख महाराजा रणजीत सिंह का राज्य था। वे महाप्रतापी, शूरवीर और धर्मपालक थे। उनकी वीरता के चर्चे दूर दूर तक थे। आततायी और दुष्ट लोग लोग उनका नाम सुनकर भयभीत हो जाते थे। उनके राज्य की सीमा अफगानिस्तान से लगती थी। उस समय पूरा पाकिस्तान पंजाब प्रांत में ही आता था। …
Read More »विद्याभ्यास- प्रेरणादायक कहानी !!
प्राचीनकाल में एक गुरुकुल से एक विद्यार्थी स्नातक की उपाधि प्राप्त करके जब घर जाने लगा, तो गुरुजी ने उसे उपदेश दिया कि प्रतिदिन कुछ न कुछ अवश्य पढ़ना और पढ़ाना चाहिए। शिष्य ने गुरु की बात गांठ बांध ली। घर वापस आकर उसने प्रतिदिन अध्ययन करना प्रारंभ कर दिया। लेकिन गुरु की आज्ञा के अनुसार प्रतिदिन पढ़ाना भी आवश्यक …
Read More »सच्चा शिक्षक!!
शहर के प्राथमिक विद्यालय में एक शिक्षिका थीं। उनका नाम मिस मंजू था। वह प्रतिदिन क्लास में घुसते ही मुस्कुराकर सभी बच्चों से बोलती थीं- आई लव यू आल। जबकि वह जानती थीं कि वे झूठ बोल रही थीं। कक्षा में एक बच्चा था। जिसे वे बिल्कुल प्यार नहीं करती थीं। उसके व्यवहार और रहन सहन ने उनके मन में …
Read More »सच्चा दान!!
महाभारत युद्ध की समाप्ति के बाद महाराज युधिष्ठिर ने एक महान अश्वमेध यज्ञ किया। जिसे सर्वश्रेष्ठ ब्राह्मणों द्वारा पूर्ण वैदिक विधि-विधान से संपन्न किया गया। उस यज्ञ में धर्मात्मा युधिष्ठिर ने समस्त ब्राह्मणों एवं याचकों को पूर्णतः संतुष्ट किया। युधिष्ठिर द्वारा उस यज्ञ में किये गए दान की चर्चा समस्त भूलोक में छा गयी। सर्वत्र पांडवों की प्रशंसा के स्वर …
Read More »स्वामी विवेकानंद और बंदर
यह कहानी स्वामी विवेकानंद की है जो एक बार थैले में कुछ खाना लेकर जंगल से गुजर रहे थे। तभी कुछ बंदर उनका पीछा कर रहे थे। शायद बंदरों को उनके पास रखा हुए खाने का सुगंध मिल चुका था। इसी वजह से बहुत सारें बंदर उनका पीछा कर रहे थे। स्वामी जी शुरुआत में उन बंदरों से डर गए …
Read More »काम टालना बुरी बात
यह कहानी एक बच्चे की है जो पढ़ाई से दूर भागता था। जब कभी भी उसे पढ़ने कहा जाता तो वह अपनी पढ़ाई नहीं करता था। लेकिन समय निकालकर कुछ देर के लिए पढ़ने बैठ जाता था। जब वह पढ़ने बैठता तो वह इधर उधर की बातें सोचता और अपनी पढ़ाई को टाल देता। सोचता कि वह बाद में पढ़ …
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