मुझको एह श्याम मेरे चरनो में अपने रखलोमैं न समज हु मेरे पापो को सार ढकलोमुझको एह श्याम मेरे चरनो में अपने रखलो….. डरता हु अंधेरो में तेरा साथ जो नही होविस्वाश है ये मेरा तेरी रौशनी कही हियाअगर साथ हो जो तेरा टकराऊ मैं जहां सेतूफानों से भी केह दो हद पार अपनी करलो….. वो तो सदियों से ही …
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