साईं साईं जप बंदे, क्यूं भक्ति से मुख मोड़ा है | कर ले साईं की भक्ति, रह गया यह जीवन थोडा है || चार दिन की बाकी है बंदे तेरी कहानी, सपनो से जागेगी कब तक तेरी जवानी | जप साईं का नाम रे बन जायेगे काम रे, एक बार जप ले एक बार || उसकी कश्ती पार हुई, जिस …
Read More »Tag Archives: mukh
यह बंदा तेरे चरणों का दास रहे
हर युग में तेरा ही वास रहे, यह बंदा तेरे चरणों का दास रहे । श्याम से अपना अटूट हैं बंधन, कोई तोड़ ना पाए, नहीं घबराता दिल मेरा चाहे कैसा भी वक़्त आए । तेरे चरणों में मेरी सुबह और श्याम रहे, यह बंदा तेरे चरणों का दास रहे ॥ दाताओं का दाता है यह, देता है बिन बोले, …
Read More »पंचमुख तथा पंचमूर्ति
जिन भगवान शंकर के ऊपर की ओर गजमुक्ता के समान किंचित श्वेत – पीत वर्ण, पूर्व की ओर सुवर्ण के समान पीतवर्ण, दक्षिण की ओर सजल मेघ के समान सघन नीलवर्ण, पश्चिम की और स्फटिक के समान शुब्र उज्जवल वर्ण तथा उत्तर की ओर जपापुष्प या प्रवाल के समान रक्तवर्ण के पांच मुख हैं । जिनके शरीर की प्रभा करोड़ों …
Read More »जय जय गिरिबरराज किसोरी
जय जय गिरिबरराज किसोरी । जय महेस मुख चंद चकोरी ॥जय गज बदन षडानन माता । जगत जननि दामिनि दुति गाता ॥ नहिं तव आदि मध्य अवसाना । अमित प्रभाउ बेदु नहिं जाना ॥ भव भव बिभव पराभव कारिनि । बिस्व बिमोहनि स्वबस बिहारिनि ॥ सेवत तोहि सुलभ फल चारी । बरदायनी पुरारि पिआरी ॥ देबि पूजि पद कमल तुम्हारे …
Read More »