कान्हा रे तू तो मुझको जाने तू तो सब कुछ जाने मैं तो नाचूंगी मैं तो गाऊँगी तेरी मुरली की धुन सुन नाचूंगी तेरी मुरली की धुन सुन गाऊँगी मैं तो नाचूंगी तन और मन के भक्ति योग से मैं बनी संवरिया तन और मन के कर्म योग से मैं बनी बंसुरिया कान्हा रे तू चाहे तो बजा ले कान्हा …
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