रूप सलोना देख श्यामा का, सुध बुध मेरी कोई….3 नीमे कामली श्याम की कामली…2 सकी पंगत फॅट, यमुना की टाथफार लीकर पहुचि मटकी….||सकी|| बूल गयी साब, एक बाहर चाबी देखी नातकट की ||बूल|| देखता ही मे हुई बाउरी, उसी रूप मे कोई…2 नीमे कामली श्याम की कामली || कदम की नीचे, आकिया मीट कड़ा था नंद का लाला ||कदम|| मुख …
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