ओ सांवरे ओ सांवरे …ओ तेरे नाम के हम हैं बावरेओ सांवरे…………… दर दर की खाई ठोकर मिला ना ठीकरणशरण में तुम्हारी मिला मुझको आशियानाहो भाया मुझको तेरा ये गाँव रेओ सांवरे…………… ग्यारस की ग्यारस की खाटू जब भी मैं आऊंआरज़ी हमेशा तुमसे मैं ये लगाऊंहो रखना अपनी कृपा की छाँव रेओ सांवरे…………… ज़ख्म पुराण चाहे लाख अगर हैतेरे प्यार …
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