हमारे गुरु मिले ब्रम्हज्ञानी, पाई अमर निशानी । गुरु मिले ब्रम्हज्ञानी हमारे गुरु मिले ब्रम्हज्ञानी काग पलट गुरु हंसा किन्हे, दीन्हि नाम निशानी । हंसा पहुंचे सुख-सागर पर, मुक्ति भरे जहाँ पानी ॥ गुरु मिले ब्रम्हज्ञानी, हमारे गुरु मिले ब्रम्हज्ञानी ॥ जल विच कुम्भ,कुम्भ विच जल है, बाहर भीतर पानी । विकस्यो कुम्भ जल जल ही समाना, यह गति विरले …
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सफलता की तैयारी
शहर से कुछ दूर एक बुजुर्ग दम्पत्ती रहते थे . वो जगह बिलकुल शांत थी और आस -पास इक्का -दुक्का लोग ही नज़र आते थे एक दिन भोर में उन्होंने देखा की एक युवक हाथ में फावड़ा लिए अपनी साइकिल से कहीं जा रहा है , वह कुछ देर दिखाई दिया और फिर उनकी नज़रों से ओझल हो गया .दम्पत्ती …
Read More »दर्शन दो घनश्याम् नाथ मोरी
मान मंदिर की ज्यवटी जगाडो, घाट घाट बसी रे मंदिर मंदिर मूरत तेरी, फिर भी ना दिखे सूरत तेरी यौग बीते ना आई मिलन की पुरानामसी रे द्वार दयाअ का जब तू खोले, पंचम सुर में गूंगा बोले अँधा देखे लंगड़ा चल कर पहुँचे कसी रे पानी पी कर प्याअस बूझौं, नैनों को कैसे समझाओन आँख मिचौली छ्चोड़ो अब मान …
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