आ मेरे रसिया, आ मेरे कहना….3 कान्हा री…..कान्हा री गोविंद, गोविंद तरस रही यमुना की धारा ..2 है कहा है मोहन प्यारा वो ग्वालो के, दिल की धड़कन आकर अमर बनाजा… हर्गए रू रोके नैना…2 हृधे हूप उत्ते, फल नही चाइना…. हरी भस एक नज़र कृपा से… दिल की तपन भुजा जा….3 नैनो मे आए बसो, हे नैनन अभिराम श्याम …
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