सृष्टि के आदि में पितामह ब्रह्मा ने सर्व प्रथम स्वयंभू मनु और शतरुपा की सृष्टि की। आगे चलकर इन्हीं भाग्यवान दम्पति के द्वारा सृष्टि का विस्तार हुआ। उनके सदाचार, शील तथा पवित्र धर्माचरण के विषय में आज भी श्रुतियो में वर्णन मिलता है। हम सभी मानव उन्हीं मनु एवं शतरुपा की सन्तान हैं। इनके सबसे बड़े पुत्र का नाम …
Read More »Tag Archives: pitamah
द्रौपदी और भीष्मपितामह
महाभारत का युद्ध चल रहा था। भीष्मपितामह अर्जुन के बाणों से घायल हो बाणों से ही बनी हुई एक शय्या पर पड़े हुए थे। कौरव और पांडव दल के लोग प्रतिदिन उनसे मिलना जाया करते थे। एक दिन का प्रसंग है कि पांचों भाई और द्रौपदी चारो तरफ बैठे थे और पितामह उन्हें उपदेश दे रहे थे। सभी श्रद्धापूर्वक उनके उपदेशों …
Read More »