Breaking News

Tag Archives: pravrttidharm

श्रीकृष्णोपदिष्ट कर्मयोग का स्वरूप

chit chor meromakhan khay gayo re bhajan

वेद आदि सतशास्त्रों में मनुष्यों के नि:श्रेयस के लिये उनके अंत:करण की योग्यता का विचार करके प्रवृत्तिधर्म और निवृत्तिधर्म का उपदेश किया गया है । कर्मयोग को निष्काम – कर्मयोग भी कहते हैं । कर्तापन के अभिमान को और कर्मफल की इच्छा को त्यागकर कर्तव्यबुद्धि से अपने वर्णाश्रम के धर्मों का श्रद्धा और प्रीतिसहित सावधानी के साथ पालन करना निष्काम …

Read More »