Breaking News

Tag Archives: prem jagat me saar

प्रेम जगत में सार

बिना मथले न निकली रतन हीरा

कहा घनश्याम, उधौ से वृन्दावन जरा जाना,वहाँ की गोपियों को ज्ञान, का कुछ तत्व समझाना,विरह की वेदना में वे सदा बेचैन रहती हैं,तड़पकर आँह भर कर और, रो रोकर ये कहती हैं,प्रेम जगत में सार और कुछ सार नहीं है,कहा घनश्याम, उधौ से वृन्दावन जरा जाना,वहाँ की गोपियों को ज्ञान, का कुछ तत्व समझाना। कहा उधौ ने हँसकर, अभी जाता …

Read More »