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Tag Archives: prem

ईश्वर के बंदों से प्रेम

एक बार भगवान् श्रीकृष्ण ने अर्जुन से कहा, “मैं उससे प्रेम करता हूँ, जो हर प्राणी के प्रति, दुःखियों के प्रति करुणा की भावना रखकर उनसे प्रेम करता है और उनकी सेवा करता है। ईसा ने भी कहा है, ‘जो पड़ोसी से, अभावग्रस्त से प्रेम करता है, उसकी सहायता करता है, मैं उससे प्रेम करता हूँ। अरब की एक प्राचीन …

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भैरव चालीसा

Dharmik Unmad Falana Story

श्री गणपति गुरु गौरी पद प्रेम सहित धरि माथ। चालीसा वंदन करो श्री शिव भैरवनाथ॥ श्री भैरव संकट हरण मंगल करण कृपाल। श्याम वरण विकराल वपु लोचन लाल विशाल॥ जय जय श्री काली के लाला। जयति जयति काशी- कुतवाला॥ जयति बटुक- भैरव भय हारी। जयति काल- भैरव बलकारी॥ जयति नाथ- भैरव विख्याता। जयति सर्व- भैरव सुखदाता॥ भैरव रूप कियो शिव …

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चार मोमबत्तियां (Four candles)

mombatti

रात का समय था, चारों तरफ सन्नाटा पसरा हुआ था , नज़दीक ही एक कमरे में चार मोमबत्तियां जल रही थीं। एकांत पा कर आज वे एक दुसरे से दिल की बात कर रही थीं। पहली मोमबत्ती बोली, ” मैं शांति हूँ , पर मुझे लगता है अब इस दुनिया को मेरी ज़रुरत नहीं है , हर तरफ आपाधापी और …

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क्या बनेंगे ये ?

Kyaa banenge ye

यूनिवर्सिटी के एक प्रोफ़ेसर ने अपने विद्यार्थियों को एक एसाइनमेंट दिया।  विषय था मुंबई की धारावी झोपड़पट्टी में रहते 10 से 13 साल की उम्र के लड़कों के बारे में अध्यन करना और उनके घर की तथा सामाजिक परिस्थितियों की समीक्षा करके भविष्य में वे क्या बनेंगे, इसका अनुमान निकालना। कॉलेज विद्यार्थी काम में लग गए।  झोपड़पट्टी के 200 बच्चो के घर की पृष्ठभूमिका, मा-बाप …

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प्रेम और परमात्मा

ghoonghat ka pat khol re

संतो की उपदेश देने की रीति-नीति भी अनूठी होती है. कई संत अपने पास आने वाले से ही प्रश्न करते है और उसकी जिज्ञासा को जगाते है; और सही-सही मार्गदर्शन कर देते है. आचार्य रामानुजाचार्य एक महान संत एवं संप्रदाय-धर्म के आचार्य थे . दूर दूर से लोग उनके दर्शन एवं मार्गदर्शन के लिए आते थे. सहज तथा सरल रीति से वे उपदेश देते …

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मुझको राधा रमन करदो ऐसा मगन

dasha mujh deen kee bhagavan sambhaaloge to kya hoga

मुझको राधा रमन, करदो ऐसा मगन, रटूं तेरा नाम, मैं आठों याम । करुणानिधान मोपे कृपा कर रिझिए, बृज में बसाके मोहे सेवा सुख दीजिए । प्रेम से भरदो मन, गाउँ तेरे भजन, रटूं तेरा नाम, मैं आठों याम ॥ भाव भरे भूषणो से आपको सजाऊँ मैं, नितनव् भोज निज हाथों से पवाऊं मैं । करो जब तुम शयन, दाबू …

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मोहे तो प्यारी लागे बरसाने की गलियां

sansaaree - vyavasaayee mein bhed

मोहे तो प्यारी लागे बरसाने की गलियां जग सो न्यारी हैं यह बरसाने की गलियां रसिको की प्राण हैं यह, जीवन आधार हैं यह राधे जु की किरपा का, श्यामा जु की किरपा का द्वार हैं यह गलियां मोहे तो प्यारी लागे… बरसाने जो भी आवे, चरणों में प्रीत पावे राधे जु की पायल की, श्यामा जु की पायल जी …

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मोहे तो प्यारी लागे बरसाने की गलियां

khud to baahar hee khade rahe

मोहे तो प्यारी लागे बरसाने की गलियां जग सो न्यारी हैं यह बरसाने की गलियां रसिको की प्राण हैं यह, जीवन आधार हैं यह राधे जु की किरपा का, श्यामा जु की किरपा का द्वार हैं यह गलियां मोहे तो प्यारी लागे… बरसाने जो भी आवे, चरणों में प्रीत पावे राधे जु की पायल की, श्यामा जु की पायल जी …

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प्रेम शक्ति

प्रेम ब्रह्मांड की सबसे बड़ी शक्ति है । प्रेम का भाव सर्वोच्च है जिसे आप प्रेषित कर सकते हैं । अगर आप अपने हर विचार को प्रेम में सराबोर कर सकें, अगर आप हर वस्तु और व्यक्ति से प्रेम कर सकें, तो आपके जीवन का कायाकल्प हो जाएगा । आप अपने बुरे विचारों से किसी दूसरें का नहीं, सिर्फ अपना …

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राधा – भाव

Suni Kanha Teri Bansuri

राधा भाव में उपासक और उपास्य में प्रेमाधिक्य के कारण एकरूपता हो जाती है । यही कारण था कि भगवान श्रीकृष्ण राधा जी हो जाते थे और श्रीराधा श्रीकृष्ण बन जाती थीं ।इस प्रकार का परिवर्तन परम स्वाभाविक है । उदाहरणस्वरूप गर्गसंहिता का यह श्लोक है – श्रीकृष्ण कृष्णेति गिरा वदन्त्य: श्रीकृष्णपादाम्बूजलग्नमानसा: । श्रीकृष्णरूपास्तु बभूवुरंगना – श्र्चित्रं न पेशस्कृतमेत्य कीटवत् …

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