आऊ नंदलाल चले आऊ गोपाल दर्शन की प्यासी गुज़ारिया सा अंगना मे आऊ मेरे माखन को काओ ..2 छूटे साची..2 बतिया सुनाऊ, नंदलाल चले आऊ गोपाल दर्शन की प्यासी गुज़ारिया सा कोरी मटकिन मे गोरी गोरी गैइयाँ को प्यारो ही जमी राकू..2 कभी, नंदलाल चले आऊ गोपाल दर्शन की प्यासी गुज़ारिया सा आऊ ब्रज रानी को मकान मलाई धो आज …
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