अयोध्या में भगवान राम से कुछ पीढ़ियों बाद ध्रुवसंधि नामक राजा हुए । उनकी दो स्त्रियां थीं । पट्टमहिषी थी कलिंगराज वीरसेन की पुत्री मनोरमा और छोटी रानी थी उज्जयिनी नरेश युधाजित की पुत्री लीलावती । मनोरमा के पुत्र हुए सुदर्शन और लीलावती के शत्रुजित । महाराज की दोनों पर ही समान दृष्टि थी दोनों राजपुत्रों का समान रूप से …
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भगवान हनुमान के चरित्र से शिक्षा
सचिव कैसा होना चाहिए और उसे सचिव धर्म का पालन किस प्रकार करना चाहिए, इसका उत्तम उदाहरण श्रीहनुमान जी ने दिखाया है । महाबली वाली के दुरत्यय आघात के कारण सुग्रीव को त्रैलोक्य में कहीं ठिकाना नहीं रह गया था । ऐसे दीन, निराश्रय जन का साथ देकर महाबली वाली से वैर मोल लेना मामूली बात नहीं थी । ऐसी …
Read More »सुंदरकांड का धार्मिक महत्त्व क्यों ?
सुंदर कांड वास्तव में हनुमान जी का कांड है । हनुमान जी का एक नाम सुंदर भी है । सुंदर कांड के लिए कहा गया है – सुंदरे सुंदरे राम: सुंदरे सुंदरीकथा । सुंदरे सुंदरे सीता सुंदरे किम् न सुंदरम् ।। सुंदर कांड में मुख्य मूर्ति श्री हनुमान जी की ही रखी जानी चाहिए । इतना अवश्य ध्यान में रखना …
Read More »श्री हनुमान क्यों हुए सिंदूरी
कहा जाता है जब रावण को मारकर राम जी सीता जी को लेकर अयोध्या आए थे। तब हनुमान जी ने भी भगवान राम और माता सीता के साथ आने की जिद की। राम जी ने उन्हें बहुत रोका। लेकिन हनुमान जी थे कि अपने जीवन को श्री राम की सेवा करके ही बिताना चाहते थे। श्री हनुमान दिन-रात यही प्रयास …
Read More »गिलहरी का रामसेतु बनाने में योगदान
माता सीता को वापस लाने के लिए रामसेतु बनाने का कार्य चल रहा था। भगवान राम को काफी देर तक एक ही दिशा में निहारते हुए देख लक्ष्मण जी ने पूछा भैया आप इतनी देर से क्या देख रहें हैं? भगवान राम ने इशारा करते हुए दिखाया कि वो देखो लक्ष्मण एक गिलहरी बार-बार समुद्र के किनारे जाती है और …
Read More »भक्ति की अद्भुत पराकाष्ठा की मिसाल भगवान हनुमान
लंका मे रावण को परास्त करने के बाद श्रीराम माता सीता लक्ष्मण और हनुमान के साथ अयोध्या लौट चुके थे। प्रभु राम के आने की खुशी में पूरे अयोध्या में हर्षोल्लास का माहौल था। राजमहल में राज्याभिषेक की तैयारियां चल रही थी। राज्याभिषेक के बाद जब लोगों को उपहार बांटे जा रहे थे तभी माता सीता ने हनुमान जी से …
Read More »कृपा करो श्री राम
कृपा करो श्री राम , सब पर कृपा करो मैं ना जानू किस विधि रीझो अपनी नज़र मेहर की कीजो आनंदकंद घनश्याम सब पर कृपा करो आज तलक तो कोई सवाली तेरे दर से गया न खाली भर दो घर में धन धान्य सब पर कृपा करो गहरी नदिया निशा अंधेरी ये निर्दोष शरण है तेरी लो गिरते को तुम थाम सब पर कृपा करो राम राम राम सिया …
Read More »राम सुमिर राम सुमिर
राम सुमिर, राम सुमिर, यही तेरो काज है .. माया को संग त्याग, हरिजू की शरण लाग . जगत सुख मान मिथ्या, झूठो सब साज है .. १.. सपने जो धन पछान, काहे पर करत मान . बारू की भीत तैसे, बसुधा को राज है .. २.. नानक जन कहत बात, बिनसि जैहै तेरो दास . छिन छिन करि गयो …
Read More »राम कृष्ण कहिये उठि भोर
हे राम, राम, राम राम राम, मेरे राम, मेरे रामराम कृष्ण कहिये उठि भोर राम कृष्ण कहिये उठि भोर राम कृष्ण कहिये उठि भोर राम कृष्ण कहिये उठि भोर राम राम राम कृष्ण कहिये उठि भोर अवध ईश ये धनुष धरे हैं वो बृज माखन चोर अवध ईश ये धनुष धरे हैं वो बृज माखन चोर राम, हरे राम राम …
Read More »राम नाम लौ लागी
राम नाम लौ लागी । अब मोहे राम नाम लौ लागी ॥ उदय हुआ शुभ भाग्य का भानु, भक्ति भवानी जागी ॥१॥ मिट गये संशय भव भय भारे, भ्रांति भूल भी भागी ॥२॥ पाप हरण श्री राम चरण का, मन बन गया अनुरागी ॥३॥ raam naam lau laagee . ab mohe raam naam lau laagee . uday hua shubh bhaagy …
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