तुम मेरी राखो लाज हरि तुम जानत सब अन्तर्यामी करनी कछु ना करी तुम मेरी राखो लाज हरि अवगुन मोसे बिसरत नाहिं पलछिन घरी घरी सब प्रपंच की पोट बाँधि कै अपने सीस धरी तुम मेरी राखो लाज हरि दारा सुत धन मोह लिये हौं सुध-बुध सब बिसरी सूर पतित को बेगि उबारो अब मोरि नाव भरी तुम मेरी राखो …
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विजेता मेढ़क (Winner Frog)
बहुत समय पहले की बात है एक सरोवर में बहुत सारे मेंढक रहते थे . सरोवर के बीचों -बीच एक बहुत पुराना धातु का खम्भा भी लगा हुआ था जिसे उस सरोवर को बनवाने वाले राजा ने लगवाया था . खम्भा काफी ऊँचा था और उसकी सतह भी बिलकुल चिकनी थी . एक दिन मेंढकों के दिमाग में आया कि क्यों …
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