एस पर श्याम विरजेआधर हमारा उनका आसान एस पर कृष्णा साजे नयन पालक फार, प्रेम का जुला श्री हरी एज़्म जुले हरी नाम है जीवन रसना काबा हुंा, हम ई भूले हृदय, आधार और नयन पालक पर श्री हरी फल फल रजेआन्ग अंग मे, हरी चांधन की लीप सुगंध यू महके रोम रोम मे हरी नाम की रतन लगे रह …
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