रामू काका अपनी ईमानदारी और नेक स्वाभाव के लिए पूरे गाँव में प्रसिद्द थे। एक बार उन्होंने अपने कुछ मित्रों को खाने पर आमंत्रित किया। वे अक्सर इस तरह इकठ्ठा हुआ करते और साथ मिलकर अपनी पसंद का भोजन बनाते। आज भी सभी मित्र बड़े उत्साह से एक दुसरे से मिले और बातों का दौर चलने लगा। जब बात खाने …
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कबाड़ी की नौकरी से लेखक बनने तक का सफर
मैक्सिम गोर्की को बचपन से पढ़ना बहुत पसंद था, पर घर में पढ़ाई के लायक स्थितियां नहीं थीं। वह पढ़ना चाहते थे। इसके लिए उन्होंने एक कबाड़ी के यहां नौकरी कर ली। कबाड़ी की दुकान में रोज हजारों पुस्तकें आती थीं। पुस्तकों को देखते ही गोर्की का मन उन्हें पढ़ने के लिए लालयित हो उठता था। काम के …
Read More »दिल को दुनिया से न लगाएं
जैसे जैसे मेरी उम्र में वृद्धि होती गई, मुझे समझ आती गई कि अगर मैं Rs.300 की घड़ी पहनू या Rs.30000 की दोनों समय एक जैसा ही बताएंगी.. मेरे पास Rs.300 का बैग हो या Rs.3000 का इसके अंदर के सामान मे कोई परिवर्तन नहीं होंगा। मैं 100 गज के मकान में रहूं या 3000 गज के मकान में तन्हाई का …
Read More »गणेशजी ने यूं चकनाचूर किया था कुबेर का घमंड
एक बार की बात है। कुबेर को अपने धन-वैभव पर बहुत अभिमान हो गया था। उन्होंने सोचा कि मेरे पास इतनी समृद्धि है, तो क्यों न मैं शंकरजी को अपने घर पर भोजन का न्योता दूं औैर उन्हें अपना वैभव दिखाऊं। यह विचार लेकर कुबेर कैलाश पर्वत गए और वहां शंकरजी को भोजन पर पधारने का न्योता दिया। शंकरजी को …
Read More »बोले हुए शब्द वापस नहीं आते
एक बार एक किसान ने अपने पडोसी को गुस्से में भला बुरा कह दिया, पर जब बाद में उसे अपनी गलती का एहसास हुआ तो वह एक संत के पास गया| उसने संत से अपने शब्द वापस लेने का उपाय पूछा| संत ने किसान से कहा , ” तुम खूब सारे पंख इकठ्ठा कर लो , और उन्हें शहर के …
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