समय, सफलता की कुंजी है। समय का चक्र अपनी गति से चल रहा है या यूं कहें कि भाग रहा है। अक्सर इधर-उधर कहीं न कहीं, किसी न किसी से ये सुनने को मिलता है कि क्या करें समय ही नही मिलता। वास्तव में हम निरंतर गतिमान समय के साथ …
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अपने आत्मविश्वास और मेहनत के बल पर अपना भाग्य खुद लिख सकते है
बाहर बारिश हो रही थी और अन्दर क्लास चल रही थी, तभी टीचर ने बच्चों से पूछा कि अगर तुम सभी को 100-100 रुपये दिए जाए तो तुम सब क्या क्या खरीदोगे ?.किसी ने कहा कि मैं वीडियो गेम खरीदुंगा, किसी ने कहा मैं क्रिकेट का बेट खरीदुंगा, किसी ने कहा कि मैं अपने लिए प्यारी सी गुड़िया खरीदुंगी,.तो किसी …
Read More »हर माँ की कहानी
तुम माँ के पेट में थे नौ महीने तक, कोई दुकान तो चलाते नहीं थे, फिर भी जिए। हाथ—पैर भी न थे कि भोजन कर लो, फिर भी जिए। श्वास लेने का भी उपाय न था, फिर भी जिए। नौ महीने माँ के पेट में तुम थे, कैसे जिए? तुम्हारी मर्जी क्या थी? किसकी मर्जी से जिए? फिर माँ के …
Read More »एक प्यारी कहानी
एक आदमी ने बहोत ही सुंदर लड़की से ब्याह किया। वो उसे बहोत प्यार करता था। अचानक उस लड़की को चर्मरोग हो गया कारण वश उसकी सुंदरता कुरूपता में परिवर्तित होने लगी। अचानक एक दिन सफर में दुर्घटना से उस व्यक्ति के आँखों की रौशनी चली गई। दोनों पति-पत्नी की जिंदगी तकलीफों के बावजूद भी एक दूसरे के साथ प्रेम …
Read More »राम राम क्यों कहा जाता है
क्या कभी सोचा है कि बहुत से लोग जब एक दूसरे से मिलते हैं तो आपस में एक दूसरे को दो बार ही “राम राम” क्यों बोलते हैं ? एक बार या तीन बार क्यों नही बोलते ? दो बार “राम राम” बोलने के पीछे बड़ा गूढ़ रहस्य है क्योंकि यह आदि काल से ही चला आ रहा है… हिन्दी …
Read More »लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक की विनोदप्रियता
लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक धुन के पक्के थे। उनकी एक और विशेषता उनकी विनोदप्रियता थी। कठिन से कठिन परिस्थितियों में भी वह मनोविनोद करते हुए समस्या को सुलझा लेते थे। वह ‘केसरी’ नाम का मराठी दैनिक अखबार निकालते थे, जिसके तीखे तेवर से अंग्रेज सरकार परेशान रहती थी। वह छोटी-छोटी बात को लेकर उन पर मुकदमा कर देती थी। एक …
Read More »कर्म तेरे अच्छे होगें तो भगवान भी तेरा साथ देगें
एक बार देवर्षि नारद अपने शिष्य तुम्बुरु के साथ कही जा रहे थे। गर्मियों के दिन थे एक प्याऊ से उन्होंने पानी पिया और पीपल के पेड़ की छाया में बैठे ही थे कि अचानक एक कसाई वहां से 25-30 बकरों को लेकर गुजरा उसमे से एक बकरा एक दुकान पर चढ़कर घांस खाने के लिए दौड़ पड़ा। दुकान शहर …
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