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Tag Archives: Saadhu

दीर्घजीवी होने का रहस्य विनम्रता में निहित

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एक साधु थे अत्यंत विनम्र, त्यागी और मधुरभाषी। उनका शिष्य वृंद काफी विशाल था। वे सदैव परोपकार में लगे रहते और सादा जीवन व्यतीत करते। जब उन्हें लगा कि अंतिम समय निकट आ गया है तो उन्होंने अपने सभी शिष्यों को बुलाया और बोले- देखो अब भगवान का बुलावा किसी भी समय आ सकता है। जाते जाते तुम्हें अंतिम उपदेश …

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भगवान मानव रूप नहीं ले सकते (God can not take human form)

God can not take human form

सिख धर्म का अवतारवाद में विश्वास नहीं है। सिख धर्म इस बात का पुरजोर विरोध करता है कि भगवान अवतार लेते हैं या भगवान के कई रूप होते हैं। सिख धर्म की मान्यता है कि भगवान ना तो जीवन लेते हैं और ना मृत्यु को प्राप्त होते हैं। वह एक ऐसी शक्ति हैं जो इस संसार में सदैव व्याप्त है। …

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जानिए जैन धर्म को (Know the Jainism)

Know the Jainism

पुराने समय में तप और मेहनत से ज्ञान प्राप्त करने वालों को श्रमण कहा जाता था। जैन धर्म प्राचीन भारतीय श्रमण परम्परा से ही निकला धर्म है। ऐसे भिक्षु या साधु, जो जैन धर्म के पांच महाव्रतों का पालन करते हों, को ‘जिन’ कहा गया। हिंसा, झूठ, चोरी, ब्रह्मचर्य और सांसारिक चीजों से दूर रहना इन महाव्रतों में शामिल हैं। …

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साधु और नर्तकी

Saadhu aur nartakee

एक दिन गाँव मेँ बाढ़ आ गयी और दोनोँ एक साथ ही मर गये। मरनेँ के बाद जब ये दोनोँ यमलोक पहूँचे तो इनके कर्मोँ और उनके पीछे छिपी भावनाओँ के आधार पर इन्हेँ स्वर्ग या नरक दिये जानेँ की बात कही गई। साधु खुद को स्वर्ग मिलनेँ को लेकर पुरा आश्वस्त था। वहीँ नर्तकी अपनेँ मन मेँ ऐसा कुछ भी विचार नहीँ कर …

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भगवान श्रीकृष्ण

dasha mujh deen kee bhagavan sambhaaloge to kya hoga

श्रीविष्णु भगवान के मुख्य दस अवतारों में श्रीकृष्णावतार को जो महत्त्व प्राप्त है, वह अन्य किसी अवतार को नहीं है । कुछ लोग यह शंका उठाते हैं कि ‘पूर्णकाम’ अजन्मा भगवान अवतार क्यों लेते हैं ? इसका समाधान स्वयं भगवान श्रीकृष्ण के वचन से ही हो जाता है । पानी में डूबते हुए अनन्यगति बालक को देखकर वत्सल पिता प्रेमविह्वल …

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साधना में मनोयोग की महत्ता

Sadhna Main Manoyog Ka mehtav Story

  वैताल ने बोला – राजन् ! उज्जयिनी में महासेन नामक एक राजा था । उसके राज्य में देवशर्मा नाम का एक ब्राह्मण रहता था । देवशर्मा का गुणाकार नाम का एक पुत्र था जो द्यूत, मद्य आदि का व्यसनी था । उस दुष्ट गुणाकर ने पिता सारा धन द्यूत आदि में नष्ट कर दिया । वह पृथ्वी पर इधर …

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उपदेशप्रद कहानी: शुभचिंतन का प्रभाव

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सेठ गंगासरन जी काशी में रहते थे। वे भगवान शंकरजी के सच्चे भक्त थे। सोमवती अमावस्या का प्रात:काल था। मणिकर्णिका घाट पर अनेक नर-नारी, साधु-सन्यासी स्नान कर रहे थे। भक्त गंगासरन जी भी स्नान कर रहे थे। तब तक अलवर के मंदिर पर से कोई गंगा में कूटा और डुबकियां खाने लगा। किसी की हिम्मत न पड़ी, जो उस डूबने …

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शिक्षाप्रद कहानियां- जल्दबाजी का फल‬

Dheeraj or Shanti Ka mahtav Story

एक समय की बात है। गरीबी से परेशान एक युवक अपना जीवन समाप्त करने के लिए नदी पर गया, वहां युवक को एक साधु मिल गए उन्होंने उसे ऐसा करने के लिए मना कर दिया। साधु ने युवक की परेशानी का कारण पूछा। युवक ने सारी बात साधु को बता दी। सब कुछ सुनकर साधु ने कहा- मेरे पास एक …

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भागीरथी गंगा

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सगर पौत्र अंशुमन के द्वितीय पुत्र दिलीप हुए। दिलीप ने भी गंगावतरण के लिए खूब तप किया। परंतु तपस्या करते-करते वे काल- कवलित हो गए। दिलीप के भगीरथ नाम के पुत्र हुए। जिन्होंने करोड़ों वर्ष तपस्या की और गंगा पृथ्वी पर अवतरित होने को तैयार हो गई। ज्ञान गंगा भी तो कई जन्मों के बाद ही प्राप्त होती है। गंगा …

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अक्षय पात्र का रहस्य

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महाभारत में अक्षय पात्र संबंधित एक कथा है। जब पांचों पांडव द्रौपदी के साथ 12 वर्षों के लिए जंगल में रहने चले गए थे, तब उनकी मुलाकात कई तरह के साधु-संतों से होती थी लेकिन पांचों पांडवों सहित द्रौपदी को यही चिंता रहती थी कि वे 6 प्राणी अकेले भोजन कैसे करें और उन सैकड़ों-हजारों के लिए भोजन कहां से …

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