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Tag Archives: sagar

मां गंगा का धरती पर जन्‍म (Birth of maa Ganga on the Earth)

mere sar pe jhunjhanavaalee chunariya daal kar rakhatee hai

शास्‍त्रों के अनुसार माना गया है कि महाराजा भगीरथ ने अपने पूर्वजों का उद्धार करने के लिए कठोर तप किया था और धरती के पाप कम करने के लिए मां गंगा को धरती पर लेकर आए थे. मां के जन्‍म की कथा बहुत ही प्रसिद्ध और पावन है. इसे सुनने से भी मां का आशीर्वाद भक्‍तों पर बना रहता है. …

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गंगावतार – भगवान शिव के अवतार

krshnadarshan - bhagavaan shiv ke avataar

पूर्वकाल में अयोध्या में सगर नामक एक परम प्रतापी राजा राज्य करते थे । उनके एक रानी से एक तथा दूसरी से साठ हजार पुत्र उत्पन्न हुए । कुछ काल के बाद महाराज सगर के मन में अश्वमेध – यज्ञ करने की इच्छा हुई । राजा सगरने यज्ञीय अश्व की रक्षा का बार अपने पौत्र अंशुमान को सौंपकर यज्ञ प्रारंभ …

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भागीरथी गंगा

Bhaageerathee gngaa

सगर पौत्र अंशुमन के द्वितीय पुत्र दिलीप हुए। दिलीप ने भी गंगावतरण के लिए खूब तप किया। परंतु तपस्या करते-करते वे काल- कवलित हो गए। दिलीप के भगीरथ नाम के पुत्र हुए। जिन्होंने करोड़ों वर्ष तपस्या की और गंगा पृथ्वी पर अवतरित होने को तैयार हो गई। ज्ञान गंगा भी तो कई जन्मों के बाद ही प्राप्त होती है। गंगा …

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सावरा महरीप्रीत निभा जो जी

Suni Kanha Teri Bansuri

ओह प्रीत निभा जो मारी प्रीत निभा जो… हे चू मारा गुना रा सागर औगना म्हरूम माटी जज्यो जी लोकना धीजे म्हारो…माना ना पतिजई मुक़ुदा जो शभाढ़ सुनोज्यो जी मेतो दासी जानम जानम की म्हारे अंगना रमता अज्यो जी मीयर्रा के प्रभु गिरिधर नगर बेड़ा पार लगा जोजी [To English wish4me] Oh preet nibha jo mari preet nibha jo… He …

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बहुत प्यार करते है तुमको सनम

Krishna

कसम चाहे लीलो, भक्तो की कसम हुमारी ग़ज़ल है, तसवार तुम्हारा तुम्हारे बिना अब ना जीना गवारा (ई कॅन’त आक्सेप्ट लाइफ विदाउट योउ नाउ) तुम्हे यूही . हेंज, छाब तक है धाम सागर के बाहों मे, पानी है जीतने हम को भी तुमसे, मोहब्बत हैं उतनी के ये बेकरारी ना अब होंगी कम हमे हर गाड़ी आरज़ू है टुमरी (एवेरी …

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सागर तट पर बैट अकेला रातता तेरा नाम

Nadi Kinare Khara Hai Pagle Bhajan

कब आएगा तू गिरिधारी डेरे हुई घनश्याम सागर तट पर बैट अकेला रे… ||1|| करता पल पल तेरा वंदन युग युग का प्यासा मेरा मान करले अब स्वीकार मुरारी तू ये मेरा प्रणाम ||2|| कब आएगा तू गिरिधारी डेरे हुई घनश्याम सागर तट पर बैट अकेला रे… चारो ओर गिरे अंधियारा नाथ ना अपना एक सहारा सुधि पतवर पकड़ के …

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