ढून्डता है तू किसका सहारा ढून्डता है तू किसका सहारा कभी टन में कभी मान में उलझा तू सदा अपने दामन में उलझा सबसे जीटा तू अपने से हारा ढून्डता है तू किसका सहारा तू ही सागर है तू ही किनारा ढून्डता है तू किसका सहारा पाप क्या पुण्या क्या तू भुला दे कर्म कर फल की चिंता मिटा दे …
Read More »Tag Archives: sahara
एक मे अनेआक,एक मे अनेआक
हर जगह उसका नज़ार है वोही तो एक सहारा है फूल मे जैसे कुशुबू समाया है, वू सब मे है समाया दिल की धधकां मे, वो गूँजता हार पल वो नास नास मे समाया भूल जाते है..2 वो कितना पास तो हमारे है वोही तो एक सहारा है साथ है अपने, वो सामने अपने..2 वो है तो, हम नही है …
Read More »सावरा जब मेरे साथ है, मुहज़े डरने की क्या बात है
सावरा जब मेरे साथ है, मुहज़े डरने की क्या बात है, इसके रहते कोई कुच्छ कहे, बोलो किसकी यह औकात है, च्छाई काली घटाए तो क्या, इसकी च्चतरी के नीचे हू मई, आयेज- आयेज यह चलता मेरे, मेरे मलिक के पिच्चे हू मई, इसने पकड़ा मेरा हांत है, इसके रहते कोई कुच्छ कहे, बोलो किसकी यह औकात है, सावरा जब …
Read More »जिट्नी वेल के सब साथी, यह हारे का सहारा
जिट्नी वेल के सब साथी, यह हारे का सहारा, ऐसा श्याम हुमारा, जिसकी नैया इसने थामी, भाव से पार उतरा, ऐसा श्याम हुमारा, जिट्नी वेल के सब साथी, यह हारे का सहारा, ऐसा श्याम हुमारा, जिसके संग मेी हो कन्हैया, उसकी ना डूबे नैया, मझधार भी क्या कर लेगा, जब साथ हो ऐसा खेवैीया, इसकी कृपा से ही चलता, हम …
Read More »