संत शरण में लाग रे तेरी आछी बनेगीध्रुव ने बनाई बात गज ने बनाई, अजामिल के जागे भाग रे तेरी आछी बनेगीशबरी बनाई बात अहिल्या बनाई, केवट के जागे भाग रे तेरी आछी बनेगीविदुर ने बनाई बात द्रोपदी बनाई, कुन्ती के जागे भाग रे तेरी आछी बनेगीसाधु ने बनाई बात, सन्तौ ने बनाई, तू भी जगाले अपनें भाग रे तेरी …
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