मैं दीवानी श्याम की,श्याम म्हारे सिरमौर,रोम रोम में बस रयो,म्हारे नन्द किशोर, लत लागी थारी गिरधारी,तन मन की सुध खो दी सारी,सांवरिया मने थारे आगे सारो यो जग फीको लागे,दुनिया सारी भूल भुला के जोगन हो गई रे,सांवरिया थारी प्रीत में बैरागन हो गई रे,लत लागी थारी गिरधारी,तन मन की सुध खो दी सारी….. थारो नाम लिखूं मैं हर दम …
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