यह मेने सपना देखा था मुझे रात वो, दर्शन धे तो गये आशा वोंका, दर्पण धे तो गये जीने केलिए, कुछ और नया चुपकैसे वो, जीवन धे तो गये वो डीप अभी तक, रोशन है जो रात ही, भुजने वाला था.. || चंदन की कटोरी, खाली है माथे पे अभी तक, लगी है यह मेरी तारा ही, है अकीर …
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