या देवी सर्वभूतेषु मातृरूपेण संस्थिता | नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः || || 5.73|| (दुर्गासप्तशती) नमस्तेस्तु महारौद्रे महाघोरपराक्रमे । महाबले महोत्साहे महाभयविनाशिनि ॥ .. 16.. (दुर्गा कवच) बोलो श्री श्री आनन्दमयी माँ की जय | बोलो वृन्दावन बिहारी लाल की जय || आनन्दमयी माँ | आनन्दमयी माँ || आनन्दमयी माँ | आनन्दमयी माँ || जय गुरु माँ । जय गुरु …
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