एक कथा आती है कि देवर्षि नारद ने एक बार गंगा – तट पर भ्रमण करते हुए एक ऐसे कछुए को देखा, जिसका शरीर चार कोस में फैला हुआ था । नारद जी को उसे देखकर बड़ा आश्चर्य हुआ, वह उस कछुए से बोले, हे कूर्मराज ! तू धन्य एवं श्रेष्ठ है, जो इतने विशाल शरीर को धारण किए हुए …
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गोपाला मेवा दैवतम भजे सदा गोपाला मेवा दैवतम
गोपाला मेवा दैवतम भजे सदा गोपाला मेवा दैवतम सर्वा लोका करणाम सत्या कमडईगुनाम भक्तानु ग्रहा भिव्यक्ता भव्या मूर्ति धारिनाम यादवब्धि चंद्रा मीहा यातिजना मोहपहँ कंसदी वयरी विरामा कलीता दिव्या विग्रहम गोपिका वाना कुंुदा गुरुतरा चंद्रोदयाँ घोरा संसरा करना वारना केसरिणाम मानसापी ना गाना यमी माधवा दाँया दैईवाम [To English wish4me] Gopala Meva Daivatam Bhaje Sada Gopala Meva Daivatam Sarva Loka …
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गोपाला मेवा दैवतम भजे सदा गोपाला मेवा दैवतम सर्वा लोका करणाम सत्या कमडईगुनाम भक्तानु ग्रहा भिव्यक्ता भव्या मूर्ति धारिनाम यादवब्धि चंद्रा मीहा यातिजना मोहपहँ कंसदी वयरी विरामा कलीता दिव्या विग्रहम गोपिका वाना कुंुदा गुरुतरा चंद्रोदयाँ घोरा संसरा करना वारना केसरिणाम मानसापी ना गाना यमी माधवा दाँया दैईवाम [To English Wish4me] Gopala Meva Daivatam Bhaje Sada Gopala Meva Daivatam Sarva Loka …
Read More »सेठ जी की परीक्षा
बनारस में एक बड़े धनवान सेठ रहते थे। वह विष्णु भगवान् के परम भक्त थे और हमेशा सच बोला करते थे । एक बार जब भगवान् सेठ जी की प्रशंशा कर रहे थे तभी माँ लक्ष्मी ने कहा , ” स्वामी , आप इस सेठ की इतनी प्रशंशा किया करते हैं , क्यों न आज उसकी परीक्षा ली जाए और …
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