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Tag Archives: shankar

भगवती सती का शिव-प्रेम

bhagavaan bhaaskar kee aaraadhana ka adbhut phal

एक समय की बात थी लीलाधारी परमेश्वर शिव एकान्त में बैठे हुए थे। वहीं सती भी विराजमान थीं। आपस में वार्तालाप के प्रसंग में भगवान् शिव के मुख से सती के श्यामवर्ण को देखकर ‘काली’ यह शब्द निकल गया। ‘काली’ यब शब्द सुनकर सती को महान् दुःख हुआ और कहा—‘महाराज! आपने मेरे कृष्ण वर्ण को देखकर मार्मिक वचन कहा है। …

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शिव और शक्ति

shankar

शिव’ और ‘शक्ति’- ये परम शिव अर्थात् परम तत्त्व के दो रुप हैं। शिव कूटस्थ तत्त्व है और शक्ति परिणामिनी है। विविध वैचित्र्यपूर्ण संसार के रुप में अभिव्यक्त शक्ति का आधार एवं अधिष्ठान शिव है। शिव अव्यक्त, अदृश्य, सर्वगत एवं अचल आत्मा है। शक्ति दृश्य, चल एवं नाम-रुप के द्वारा व्यक्त सत्ता है। शक्ति-नटी शिव के अनन्त, शान्त एवं गम्भीर …

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परम शैव भगवान विष्णु की शिवोपासना

Bhagwan Shiv Ke liye

समय के परिवर्तन से कभी तो देवता बलवान हो जाते हैं और कभी दानव। एक बार दानवों की शक्ति बहुत अधिक हो गयी और वे देवों को बहुत अधिक कष्ट पहुंचाने लगे। देवता बहुत संत्रस्त और संतप्त हुए। इसलिए अपने दु:खों की निवृत्ति के लिए भगवान विष्णु के समीप गए और उनकी स्तुति करने लगे। स्तुति से प्रसन्न होकर विष्णु …

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आखिर क्यों दिया था माता पार्वती ने भगवान शिव, विष्णु, नारद, कार्तिकेय और रावण को श्राप!!

Aakhir Kyo Diya Tha Mata Parvati Ne Story

एक बार भगवान शंकर ने माता पार्वती के साथ जुआ खेलने की अभिलाषा प्रकट की। खेल में भगवान शंकर अपना सब कुछ हार गए। हारने के बाद भोलेनाथ अपनी लीला को रचते हुए पत्तों के वस्त्र पहनकर गंगा के तट पर चले गए। कार्तिकेय जी को जब सारी बात पता चली, तो वह माता पार्वती से समस्त वस्तुएँ वापस लेने …

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समुद्र मंथन से प्राप्त दूसरा रत्न – ‪‎कामधेनु‬

भगवान शंकर के विष ग्रहण करने के बाद देवताओं और दैत्यो ने मंथन आरम्भ किया। समुद्र के चारों ओर बड़े जोर की आवाज उत्पन्न हुई। देव और असुरों ने जब सिर उठाकर देखा तो पता चला कि यह साक्षात सुरभिकामधेनु गाय थी। इस गाय को काले, श्वेत, पीले, हरे तथा लाल रंग की सैकड़ों गौएं घेरे हुई थीं। उस समय …

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चिकित्सकों के चिकित्सक भगवान शिव

Bhagavaan shiv ke lie maataa paarvatee ne kiyaa thaa ghor tap

भगवान रुद्र ने ओषधियों का निर्माण करके जगत का इतना कल्याण किया है कि वेद ने भी भगवान शंकर सम्पूर्ण शरीर को ही भेषज मान लिया है । कहा है कि – या ते रुद्र शिवा तनू शिवा विश्वस्य भेषजी । शिवा रुद्रस्य भेषजी तया नो मृड जीवसे ।। सचमुच आयुर्वेद भगवान शिव के रूप में ही अभिव्यक्त हुआ था, …

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बम बम भोले

Apni Vani Main Amrit Bhole O bhajan

शिव शिव शिव शिव शिव शिवा शिवा शिवा शिवा बम बम भोला, हर हर हर हर हर हर हर हर हर बम बम भोला, भोलेनात उमापति शांबो शंकर पशुपति (3) शिव शिव शिवा; हर हर हरा हर हर हरा; शिव शिव शिवा [To English wish4me] Shiv Shiv Shiv Shiv Shiv Shiva Shiva Shiva Shiva Bam Bam Bhola, Har Har Har …

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भोला शंकर भोला

Ho rahi hai savan ki suruvat

हर भोला शंकर भोला शैलेश्वरा हर विषम्भरा हर सूर्या चंद्रा प्रलयगञी नेत्रा धारा शक्ति सहित शिवा नतन मनोहर शक्ति, सहित शिवा नतन मनोहर भोला हर भोला हर हर भोला शंकर भोला [To English wish4me] Har Bhola shankar Bhola Shaileshwara har Vishambhara har Surya chandra pralayagni netra dhara Shakti sahit shiva natan manohar Shakti, sahit shiva natan manohar Bhola har bhola …

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भगवान शिव के लिए माता पार्वती ने किया था घोर तप

Bhagwan Shiv Ke liye

शिवपुराण में कथा है कि ब्रह्माजी के आदेशानुसार भगवान शंकर को वरण करने के लिए पार्वती ने कठोर तप किया था। ब्रह्मा के आदेशोपरांत महर्षि नारद ने पार्वती को पंचाक्षर मंत्र ‘शिवाय नमः’ की दीक्षा दी। दीक्षा लेकर पार्वती सखियों के साथ तपोवन में जाकर कठोर तपस्या करने लगीं। उनके कठोर तप का वर्णन शिवपुराण में आया है। माता-पिता की …

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