गुरुवर हम भी शरणागत हैं, स्वीकार करो तो जाने । अब हमे पतित से पावन सरकार करो तो जाने ॥ प्रेमी जन तुमको ध्याते, तुम भक्ति भाव वश आते । हम कुटिल हृदय से कलुषित, उपकार करो तो जाने ॥ गुरुवर हम भी… ज्ञानी तुम में तन्मय हैं, ध्यानी भी तुममे लय है । हम अज्ञानी चंचल चित्त, निस्तार …
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श्रीराम भक्त
भगवान श्रीरामचंद्र जी ऐसे शरणागतवत्सल हैं कि जो जीव एक बार भी सच्चे हृदय से उनके शरणागत हो गया, उसके वचन और कर्तव्य की चूक पर फिर कभी दृष्टि न देकर वे केवल उसके ‘हिए’ के निश्चय की ओर ही देखते हैं । वे कतहते हैं कि ‘इस जीवन ने अनन्य गति से मुझको अपना शरण्य निश्चय कर लिया है, …
Read More »पाण्डव अर्जुन और कृष्ण मैत्री
महाभारत में पाण्डव विजयी हुए । छावनी के पास पहुंचने पर श्रीकृष्णने अर्जुन से कहा कि ‘हे भरतश्रेष्ठ ! तू अपने गाण्डीव धनुष और दोनों अक्षय भाथों को लेकर पहले रथ से नीचे उतर जा । मैं पीछे उतरूंगा, इसी में तेरा कल्याण है ।’ यह आज नयी बात थी, परंतु अर्जुन भगवान के आज्ञानुसार नीचे उतर गये, तब …
Read More »शरण श्याम की लेले, तेरे मिट जाए सारे झमेले
शरण श्याम की लेले, तेरे मिट जाए सारे झमेले, कलियुग मे देव निराला, मेरा बाबा ख़ातुवला, दो घुट नाम की पीले, तेरे मिट जाए सारे झमेले, शरण श्याम की लेले, तेरे मिट जाए सारे झमेले, देव दयालु श्याम हमारा, शरणागत को तुरंत उबारा, देव दयालु श्याम हमारा, शरणागत को तुरंत उबारा, बाबा की राह पाकर ले, तेरे मिट जाए सारे …
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