ध्याये नित्यं महेशं रजतगिरिनिभं चारूचंद्रां वतंसं। रत्नाकल्पोज्ज्वलांगं परशुमृगवराभीतिहस्तं प्रसन्नम।। पद्मासीनं समंतात् स्तुततममरगणैर्व्याघ्रकृत्तिं वसानं। विश्वाद्यं विश्वबद्यं निखिलभय हरं पञ्चवक्त्रं त्रिनेत्रम्।। सरल शब्दों में मतलब है कि पञ्चमुखी, त्रिनेत्रधारी, चांदी की तरह तेजोमयी, चंद्र को सिर पर धारण करने वाले, जिनके अंग-अंग रत्न-आभूषणों से दमक रहे हैं, चार हाथों में परशु, मृग, वर और अभय मुद्रा है। मुखमण्डल पर आनंद प्रकट होता …
Read More »Tag Archives: Shiva
ना जाने किस भेष में दया धर्म मिल जाए
एक बार संत एकनाथ अपने शिष्यों के साथ काशी से रामेश्वरम की यात्रा पर जा रहे थे। उनके हाथ में कमंडल था जिसमें गंगा-जल भरा हुआ था। गर्मी का समय था। मीलों तक पानी नहीं मिलता था। संत एकनाथ ने देखा कि एक गधा प्यास से तड़प कर मरने वाला था। उन्होंने पानी का कमंडल उसके मुंह में उड़ेल दिया। …
Read More »LORD VISHNU
Vishnu (Sanskrit pronunciation: [vɪʂɳu]; IAST: Viṣṇu) is one of the principal deities of Hinduism, and the Supreme Being in its Vaishnavism tradition. Along with Brahma and Shiva, Vishnu forms a Hindu trinity (Trimurti); however, ancient Hindu texts do mention other trinities of gods or goddesses. In Vaishnavism, Vishnu is identical to the formless metaphysical concept called Brahman, the supreme, the Svayam …
Read More »चंदा सा मुखड़ा
नाग बिराजे गले में जिनके सर पे गंगा सवार, रूप दिगंबर का धरे जग के पालनहार। चार वेद और छे शाश्त्रों ने कहा यही हर बार, देवों के महादेव जी भोले तेरी महमा अप्रमपार॥ चंदा सा मुखड़ा bright, मस्तक पे moon light, गंगा जी सर पर white, देखो देवों में brilliant हैं। बाबा भूतनाथ जी देवों की सुनते urgent हैं, …
Read More »महादेव शंकर हैं जग से निराले
महादेव शंकर हैं जग से निराले, बड़े सीधे साधे बड़े भोले भाले। मेरे मन के मदिर में रहते हैं शिव जी, यह मेरे नयन हैं उनही के शिवालय॥ बनालो उन्हें अपने जीवन की आशा, सदा दूर तुमसे रहेगी निराश। बिना मांगे वरदान तुमको मिलेगा, समझते हैं वो तो हरेक की मन की भाषा॥ वो उनके हैं जो उनको अपना …
Read More »शिव शंभो शम्बो
शिव शम्बो शम्बो, शिव शम्बो महादेवाय हर हर हर हर महादेवाय शिव संभो महादेवाय शिव ॐ शिव ॐ शिव ॐ नमः शिवाय शिव ॐ शिव ॐ शिव ॐ नमः शिवाय हर ॐ, हर ॐ, हर ॐ, नमः शिवाय हर ॐ, हर ॐ, हर ॐ, नमः शिवाय शिव ॐ ॐ ॐ, शिव ॐ ॐ ॐ, शिव ॐ नमः शिवाय शिव ॐ …
Read More »मेरा रोम रोम बोले हर हर महादेव भोले
मेरा रोम रोम बोले, हर हर महादेव भोले हर हर महादेव भोले, हर हर महादेव भोले भक्तन के रक्वाले तुमरी महिमा अपरम्पार शरण जो आए उसकी नैया पार हो बिन पतवार तुम चाहो तो गूगा गाए अँध नयन खोले हर हर महादेव भोले… बिगड़े काम बनाने वाले तुम हो दीनदयाला मन चाह फल पाए तुमरी पूजा करना वाला उसके सारे …
Read More »आ जाओ भोले बाबा मेरे मकान में
आ जाओ भोले बाबा मेरे मकान में, तेरा डम डम डमरू बाजे सारे ही जहान में सारे ही जहान में, सारे ही जहान में सुन डमरू की आवाज मेरी मैया वी आ गयी गोदी मैं गणपति लियाई मेरे मकान में तेरा डम डम डमरू बाजे सारे ही जहान में सुन डमरू की आवाज मेरे श्याम वी आ गए संग राधा …
Read More »भव – भगवान शिव के अवतार (the incarnation of Lord Shiva)
भगवान रुद्र के स्वरूप का नाम भव है । इसी रूप में वे संपूर्ण सृष्टि में व्याप्त हैं तथा जगद्गुरु के रूप में वेदांत और योग का उपदेश देकर आत्म कल्याण का मार्ग प्रशस्त करते हैं । भगवान रुद्र का यह स्वरूप जगद्गुरु के रूप में वंदनीय है । भव – रुद्र की कृपा के बिना विद्या, योग, ज्ञान, भक्ति …
Read More »श्रीदुर्गासप्तशती के आदिचरित्र का माहात्म्य
ऋषियों ने पूछा – सूतजी महाराज ! अब आप हमलोगों को यह बतलाने की कृपा करें कि किस स्तोत्र के पाठ करने से वेदों के पाठ करने का फल प्राप्त होता है और पाप विनष्ट होते हैं । सूतजी बोले – ऋषियों ! इस विषय में आप एक कथा सुनें । राजा विक्रमादित्य के राज्य में एक ब्राह्मण रहता था …
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