मीराबाई कृष्णप्रेम में डूबी, पद गा रही थी , एक संगीतज्ञ को लगा कि वह सही राग में नहीं गा रही है! वह टोकते हुये बोले: “मीरा, तुम राग में नहीं गा रही हो। मीरा ने बहुत सुन्दर उत्तर दिया: “मैं राग में नहीं, अनुराग में गा रही हूँ। राग में गाउंगी तो दुनियां मुझे सुनेगी अनुराग में गाउंगी तो …
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संगीत के सुर और भक्ति के भाव
संत ज्ञानेश्वर प्रतिदिन संध्या को स्वरचित भजन गाया करते थे, जिनको सुनने के लिए दूर-दूर से बहुत लोग आया करते थे। उसी सभी में एक गायक भी आया करता था। एक दिन गायक ने संत ज्ञानेश्वर से कहा, आप बहुत गलत गाते हैं। राग और सुरों का आपको बिल्कुल भी ज्ञान नहीं, बेसुरे संगीत से मुझे बहुत कष्ट होता है। …
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मीराबाई कृष्णप्रेम में डूबी, पद गा रही थी , एक संगीतज्ञ को लगा कि वह सही राग में नहीं गा रही है! वह टोकते हुये बोले: “मीरा, तुम राग में नहीं गा रही हो। मीरा ने बहुत सुन्दर उत्तर दिया: “मैं राग में नहीं, अनुराग में गा रही हूँ। राग में गाउंगी तो दुनियां मुझे सुनेगी अनुराग में गाउंगी तो …
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