कोलकाता में मुस्लिम महिला सम्मेलन का वार्षिक अधिवेशन था। सरोजिनी नायडू इसकी मुख्य अतिथि थीं। भाषण देने वालों में कोई बांग्ला में तो कोई ऊर्दू में। उनके पास बैठी महिलाओं में भी किसी ने बांग्ला की वकालत की तो किसी ने ऊर्दू की। इसी बीच एक स्वयंसेविका ने आकर किसी महिला से कहा, आपके घर से फोन आया है कि …
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