जीवन जीने के दो ढंग हैं! एक ढंग है संघर्ष का, एक ढंग है समर्पण का! संघर्ष का अर्थ है, मेरी मर्जी समग्र की मर्जी से अलग! समर्पण का अर्थ है, मैं समग्र का एक अंग हूं! मेरी मर्जी के अलग होने का कोई सवाल नहीं! मैं अगर अलग हूं, संघर्ष स्वभाविक है! मैं अगर विराट के साथ एक हूं, …
Read More »Tag Archives: struggle
प्रेरणा का स्रोत (source of inspiration)
दोस्तों ,जिंदगी है तो संघर्ष हैं,तनाव है,काम का pressure है, ख़ुशी है,डर है !लेकिन अच्छी बात यह है कि ये सभी स्थायी नहीं हैं!समय रूपी नदी के प्रवाह में से सब प्रवाहमान हैं!कोई भी परिस्थिति चाहे ख़ुशी की हो या ग़म की, कभी स्थाई नहीं होती ,समय के अविरल प्रवाह में विलीन हो जाती है! ऐसा अधिकतर होता है की …
Read More »प्रमात्मा और किसान (God and the farmer)
एक बार एक किसान परमात्मा से बड़ा नाराज हो गया ! कभी बाढ़ आ जाये, कभी सूखा पड़ जाए, कभी धूप बहुत तेज हो जाए तो कभी ओले पड़ जाये! हर बार कुछ ना कुछ कारण से उसकी फसल थोड़ी ख़राब हो जाये! एक दिन बड़ा तंग आ कर उसने परमात्मा से कहा ,देखिये प्रभु,आप परमात्मा हैं , लेकिन लगता …
Read More »तितली का संघर्ष(titalee kaa sngharṣ)
एक बार एक आदमी को अपने garden में टहलते हुए किसी टहनी से लटकता हुआ एक तितली का कोकून दिखाई पड़ा. अब हर रोज़ वो आदमी उसे देखने लगा , और एक दिन उसने notice किया कि उस कोकून में एक छोटा सा छेद बन गया है. उस दिन वो वहीँ बैठ गया और घंटो उसे देखता रहा. उसने देखा की तितली उस खोल …
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